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अब रेलवे टिकट कैंसिल करने की जरूरत नहीं! Indian Railways ला रहा है बड़ा बदलाव

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नेशनल डेस्क: अगर कभी अचानक यात्रा की योजना बदल जाए तो ट्रेन टिकट कैंसिल कराना एक झंझट भरा और महंगा सौदा साबित होता है। भारी-भरकम कैंसलेशन चार्ज और नई बुकिंग की मशक्कत, दोनों ही यात्रियों की जेब और समय पर बोझ डालते हैं। लेकिन अब राहत की बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय रेलवे एक ऐसा डिजिटल फीचर लाने जा रहा है जिससे आपकी यात्रा की तारीख बदली जा सकेगी – वो भी बिना टिकट कैंसिल किए और बिना लंबी कतारों में लगे।

जनवरी 2026 से ऑनलाइन बदलेगी यात्रा की तारीख
भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए एक नई ऑनलाइन सेवा शुरू करने जा रहा है, जो ट्रेन टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को और ज्यादा लचीला और आसान बनाएगी। इस नई प्रणाली के तहत, यात्री अपनी कन्फर्म ट्रेन टिकट की यात्रा तिथि को ऑनलाइन बदल सकेंगे, वो भी बिना टिकट रद्द किए। इससे यात्रियों को कैंसलेशन चार्ज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बार-बार नई बुकिंग कराने से भी राहत मिलेगी।

अभी क्या है व्यवस्था?
इस समय अगर किसी यात्री को यात्रा की तारीख में बदलाव करना है तो उसे कम से कम 48 घंटे पहले रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर ही यह बदलाव करवाना होता है। साथ ही इसके लिए एक निश्चित शुल्क भी देना होता है।

अब क्या नया होगा?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह सुविधा पूरी तरह डिजिटल होगी और इसे जनवरी 2026 तक लागू करने की योजना है। इसमें यात्री IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से सीधे अपनी टिकट की तारीख में बदलाव कर पाएंगे।
नई सेवा की खास बातें:
टिकट कैंसिल नहीं करना पड़ेगा, सीधे तारीख बदली जा सकेगी
कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा (अगर किराया वही है)
ऑनलाइन ही प्रक्रिया पूरी होगी – न स्टेशन जाना, न लाइन में लगना
भीड़भाड़ कम होगी रिजर्वेशन काउंटरों पर
समय और पैसा दोनों की बचत होगी यात्रियों की

ध्यान देने योग्य बातें:
नई तारीख पर सीट उपलब्ध होना जरूरी होगा – यानी कन्फर्म टिकट की गारंटी नहीं है
अगर नई तारीख की ट्रेन का किराया ज्यादा हुआ, तो यात्री को अंतर का भुगतान करना होगा
एक बार की तारीख में बदलाव के बाद दोबारा बदलाव की सुविधा सीमित हो सकती है (इस पर अभी निर्णय शेष है)

रेलवे का बड़ा डिजिटल कदम
यह पहल भारतीय रेलवे के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक अहम पड़ाव है। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि रेलवे कर्मचारियों पर भी लोड कम होगा और कामकाज अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगा।