चंडीगढ़ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चंडीगढ़ जोनल टीम ने मनी लांड्रिंग से जुड़े एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के सहायक ड्रग कंट्रोलर(एडीसी) निशांत सरीन के आठ ठिकानों पर छापे मारे। निशांत पर एडीसी रहते हुए ड्रग लाइसेंस जारी करने में कथित भ्रष्टाचार, पद का दुरुपयोग, और रिश्वतखोरी के आरोप हैं। उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश के स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने एफआइआर दर्ज की थी। इस एफआइआर में उन पर पर सहायक ड्रग कंट्रोलर, बद्दी के कार्यकाल के दौरान पद का दुरुपयोग कर अवैध लाभ लेने के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में उन्हें पहले गिरफ्तार कर चार्जशीट भी किया जा चुका है, साथ ही उनकी सहयोगी कोमल खन्ना को भी आरोपित बनाया गया था। बाद में जमानत पर रिहा होने के बाद निशांत सरीन को सितंबर 2024 में धर्मशाला स्थानांतरित किया गया।
इस FIR के बाद सरीन के खिलाफ ईडी की भी जांच शुरू हुई। ईडी को उनके पास काले धन का शक था, इसलिए ईडी ने सरीन और उनके रिश्तेदारों के घरों पर छापेमारी की। ईडी ने उनके न्यू चंडीगढ़ स्थित घर पर छापेमारी की जहां से महंगी शराब की 60 बोतलें बरामद हुई हैं।
सरीन के खिलाफ वर्ष 2022 में हरियाणा पुलिस द्वारा एक अन्य एफआइआर भी दर्ज की गई थी। इसमें पंचकूला स्थित झेनिया फार्मास्युटिकल्स की फर्जी पार्टनरशिप डीड तैयार कर अपनी सहयोगी कोमल खन्ना की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 95 प्रतिशत करने और धमकी व दबाव बनाने का आरोप है।
ईडी की छापेमारी के दौरान सरीन और उनके परिजनों से जुड़े ठिकानों से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं, जिनमें ड्रग लाइसेंस, कारण बताओ नोटिस, विभिन्न फार्मा कंपनियों को दी गई मंजूरियां, संपत्ति से जुड़े कागजात, मोबाइल फोन, लैपटाप, पेन ड्राइव आदि शामिल हैं। इसके अलावा दो लग्जरी वाहन, 40 से अधिक बैंक खाते, एफडीआर, 3 लाकर और 60 से अधिक बिना हिसाब की शराब की बोतलें भी जब्त की गई हैं।












