इंदौर: इंदौर पहुंचे भारतीय टी-20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा है कि पुरानी कहावत ‘पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे खराब’ अब सही नहीं है। उन्होंने बच्चों से कहा कि पढ़ाई और खेल दोनों में मेहनत करें, क्योंकि उनकी प्रतिभा सबसे पहले माता-पिता पहचानते हैं।
सूर्यकुमार सोमवार रात ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘सेवा वाली दिवाली’ कार्यक्रम में पहुंचे, जिसे जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (JITO) ने आयोजित किया। उन्होंने इंदौर के लोगों और खाने की भी तारीफ की, साथ ही ड्रेसिंग रूम के मजेदार किस्से साझा किए।
पिता का योगदान और रोल मॉडल
सूर्यकुमार ने बताया कि उनका जीवन जल्दी से क्रिकेट से जुड़ गया था। उनके पिता उन्हें रोज़ 2-3 घंटे अभ्यास के लिए ले जाते थे। उन्होंने सचिन तेंदुलकर को अपना रोल मॉडल बताया और कहा कि पहली बार भारतीय जर्सी और कैप पहनना उनके जीवन का सबसे यादगार पल था।
यादगार क्रिकेट पल
सूर्यकुमार ने अपने डेब्यू मैच में लगाए गए स्कूप शॉट और एक सुपर कैच को अपने सबसे यादगार पलों में शामिल किया। उन्होंने कहा कि अभी और भी कई यादगार पलों का इंतजार है।