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मंडियों को ग्रीन एनर्जी की ओर ले जाएगा पंजाब मंडी बोर्ड, चार जिलों में लगेंगे सोलर पावर प्लांट – हरचंद सिंह बरसट

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 पंजाब की मंडियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम
  4 जिलों की मंडियों में 24.42 करोड़ रुपये के सोलर प्रोजैक्ट से बिजली खर्च में सालाना 8.33 करोड़ रुपये की होगी बचत
चंडीगढ़:पंजाब की मंडियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब मंडी बोर्ड ने पहले चरण में जिला पटियाला, जालंधर, फिरोजपुर और लुधियाना की विभिन्न मंडियों में सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना बनाई है, जिस पर जोर-शोर से काम शुरू कर दिया गया है और इस योजना पर लगभग 24.42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पहल से बिजली खर्च में सालाना लगभग 8.33 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। यह जानकारी पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने दी। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य की मंडियों में नवीनतम तकनीक लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
स. बरसट ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य की मंडियों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जा रहा है, ताकि मंडियों में आने वाले किसानों, आढ़तियों, मजदूरों और अन्य लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि बीते दिन इस योजना की शुरुआत अनाज मंडी, पटियाला से की जा चुकी है और पटियाला मंडी में 74 किलोवाट क्षमता वाला रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाया जा रहा है। जिला पटियाला की 10 विभिन्न मंडियों में 656 किलोवाट क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी, जिस पर करीब 6.49 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
इसी प्रकार जिला लुधियाना की 11 विभिन्न मंडियों में लगभग 7.12 करोड़ रुपये की लागत से 757 किलोवाट क्षमता वाला प्लांट लगाया जाएगा। जिला फिरोजपुर में लगभग 5.10 करोड़ रुपये की लागत से 8 विभिन्न मंडियों में 647 किलोवाट क्षमता वाला प्लांट लगाया जाना है। जिला जालंधर की 11 विभिन्न मंडियों में 794 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जाना है, जिस पर लगभग 5.71 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
उन्होंने बताया कि जिला पटियाला, जालंधर, फिरोजपुर और लुधियाना की 40 विभिन्न मंडियों में स्थापित किए जाने वाले सोलर पावर प्लांट पर लगभग 24.42 करोड़ रुपये खर्च होगा, जिससे पंजाब मंडी बोर्ड को सालाना लगभग 8 करोड़ 33 लाख रुपये बिजली खर्चों में बचत होने की उम्मीद है और लगभग तीन सालों में इन सोलर पावर प्लांटों पर हुआ खर्च पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोलर पावर प्लांट लगाने से जहां मंडियों की बिजली लागत कम होगी, वहीं लंबे समय के दौरान सरकारी खर्च में भी महत्वपूर्ण कटौती आएगी। यह पहल न केवल आर्थिक बचत का मार्ग खोलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम है।