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Himachal: कांग्रेस ने प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में दूसरे दलों को न बुलाकर वीरभद्र का कद छोटा किया : शांता कुमार

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पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि 13 अक्तूबर को शिमला के रिज मैदान पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण हो गया। उन्होंने इसके लिए पूरे हिमाचल प्रदेश को बधाई दी वहीं प्रतिमा लगाने के लिए कांग्रेस का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि कल के इस कार्यक्रम से मुझे बहुत दुख हुआ। शांता कुमार ने कहा कि वीरभद्र सिंह पूरे हिमाचल के एक बार नहीं, 6 बार मुख्यमंत्री चुने गए। हिमाचल के निर्माण में उनकी शानदार भूमिका है परन्तु कांग्रेस ने उनकी मूर्ति के अनावरण से कांग्रेस के अलावा किसी भी पार्टी को न बुला कर वीरभद्र सिंह को छोेटा कर दिया। पूरे हिमाचल के नेता को केवल एक पार्टी का नेता बना दिया। चाहिए तो यह था कि हिमाचल के उस आदर्शवादी नेता के मूर्ति अनावरण में पूरा हिमाचल रिज मैदान पर होता।

यह भूमि मेरे होते हुए कभी किसी को नहीं दी जाएगी
शांता कुमार ने कहा कि 15 नवम्बर 1990 को विवेकानंद ट्रस्ट द्वारा अस्पताल बनाने का शिलान्यास किया गया। लगभग 5 करोड़ रुपए मौके पर इकट्ठे हो गए। 21 दिन के बाद 6 दिसम्बर को अयोध्या का मस्जिद का ढांचा टूटा और हमारी सरकार भंग कर दी गई। मुझे याद है मुख्यमंत्री न रहने का मुझे खास अफसोस नहीं था परन्तु पालमपुर विवेकानंद अस्पताल न बनाने से मैं बहुत दुखी था। कुछ समय के बाद कुछ कांग्रेस नेता विवेकानंद ट्रस्ट की भूमि कुछ और लोगों को दिलवाने की कोशिश करने लगे। वीरभद्र सिंह को फोन किया और कहा कि मैं अपनी धर्मपत्नी सहित उनके घर में उन्हें उनकी धर्मपत्नी सहित मिलना चाहता हूं।

शिमला में उनके घर में बैठते ही मैंने कहा कि मेरा बड़ा सपना है कि पालमपुर में एक बहुत बड़ा अस्पताल बने। मैं यह कहने आया हूं कि वह भूमि किसी और को न दी जाए। वीरभद्र सिंह कहने लगे – क्या आपको यह आशा है कि आपकी सरकार दोबारा बनेगी। मैंने कहा कि वीरभद्र सिंह जी कल किसने देखा। समय बदलता रहता है। वीरभद्र सिंह ने अपना दायां हाथ आगे बढ़ाया। मैंने उनके साथ हाथ मिलाया और वे कहने लगे, विश्वास रखिए यह भूमि मेरे होते हुए कभी किसी और को नहीं दी जाएगी।

मंत्री भेज पता करवाया कि तबादला हुआ या नहीं
शांता कुमार ने कहा कि 1975 में एमरजैंसी लगी हमें नाहन जेल में बंद कर दिया। मेरी धर्मपत्नी पालमपुर से दूर एक गांव के स्कूल में पढ़ाती थीं। परिवार और बच्चों का पालन करना और प्रतिदिन स्कूल जाना उसके लिए कठिन होने लगा। उसने सारी कठिनाई मुझे लिखी। मैंने वीरभद्र सिंह जी को नाहन जेल से एक पत्र लिखा। पता नहीं किस अपराध के लिए हमें जेलों में बंद किया है परन्तु इसमें हमारे परिवार का कोई दोष नहीं है। मैंने उनसे धर्मपत्नी का तबादला एक निकट स्कूल में करवाने की प्रार्थना की। मुझे याद है मेरा पत्र मिलते ही एकदम से तबादला हो गया। धर्मपत्नी को बड़ी हैरानी हुई। इतना ही नहीं, उन्हीं दिनों सरकार के एक मंत्री पालमपुर आए तो उन्होंने विशेष रूप से यह पता किया कि मेरी धर्मपत्नी का तबादला हुआ है या नहीं।
कांग्रेस ने अपने नेता वीरभद्र सिंह से न्याय नहीं किया
शांता कुमार ने कहा कि वीरभद्र सिंह एक महान व्यक्ति थे। एक आदर्श राजनेता थे। उन्होंने हिमाचल की नींव रखी और राजनीति के ऊंचे आदर्श स्थापित किए। उन्होंने कहा कि मैं सच कह रहा हूं कि कांग्रेस ने अपने नेता वीरभद्र सिंह से न्याय नहीं किया। रिज पर उनकी मूर्ति लगाकर उन्होंने उनका कद छोटा किया है। शांता कुमार ने कहा कि मैं कांग्रेस नेताओं से कहूंगा कि वे अपनी इस भयंकर गलती के लिए पूरे हिमाचल प्रदेश से क्षमा मांगें, अन्यथा इतिहास उनको कभी क्षमा नहीं करेगा।