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जैसलमेर में हुआ दिल दहला देने वाला हादसा, कुछ सेकेंड में उजड़ गया पूरा परिवार, सड़क पर मची चीख पुकार

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नेशनल डेस्क। जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार को हुआ भीषण बस हादसा इतना दर्दनाक था कि इसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक एसी स्लीपर बस में शॉर्ट सर्किट से लगी आग के कारण 20 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि इस त्रासदी का कारण गैरकानूनी तरीके से लगाए गए जुगाड़ AC सिस्टम की वायरिंग में हुई गड़बड़ी थी।

पूरा परिवार हुआ खत्म

इस हृदय विदारक हादसे में जोधपुर जिले के बालेसर क्षेत्र के एक पूरे परिवार की मौत हो गई। सेना के गोला बारूद डिपो में पोस्टेड महेंद्र मेघवाल, उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा जिंदा जल गए। महेंद्र मूल रूप से बालेसर के लावारान शेतरावा के निवासी थे और अपने परिवार के साथ जैसलमेर से जोधपुर आ रहे थे। हादसे की खबर मिलते ही जोधपुर और जैसलमेर में परिजनों में कोहराम मच गया। सीसीटीवी फुटेज से महेंद्र और उनके परिवार के बस में सवार होने की पुष्टि हुई है।

जुगाड़ एसी बना काल
के के ट्रेवल्स की एसी स्लीपर बस में आग लगने का मुख्य कारण चौंकाने वाला है। शुरुआती जांच से पता चला है कि यह बस मूल रूप से नॉन-एसी थी जिसे स्थानीय स्तर पर अवैध रूप से मॉडिफाई कर एसी स्लीपर में बदला गया था। बिना किसी तकनीकी स्वीकृति और सुरक्षा मानकों के लगाए गए जुगाड़ एसी सिस्टम की वायरिंग में हुई गड़बड़ी ही आग लगने की मुख्य वजह बनी। घटना के समय बस में 57 यात्री सवार थे। आग इतनी तेजी से फैली कि 20 यात्रियों की मौत हो गई।
हादसे के बाद प्रशासन ने घायलों को जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया। गंभीर रूप से झुलसे 15 यात्रियों का इलाज जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल (MGH) और MDM अस्पताल में चल रहा है। इन घायलों को जैसलमेर से जोधपुर तक लगभग 275 किमी लंबे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाया गया ताकि उन्हें बिना ट्रैफिक बाधा के विशेषज्ञ चिकित्सा मिल सके। दुर्भाग्यवश जैसलमेर से जोधपुर लाते समय एक बुजुर्ग यात्री ने रास्ते में दम तोड़ दिया जिससे मृतकों की संख्या 20 हो गई।

सूत्रों के अनुसार हादसे वाली इस बस को जोधपुर के इक्कू नामक व्यक्ति ने सिर्फ 5 दिन पहले ही खरीदा था और इसे रूट पर चलाया गया था।