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Flight Delay Refund: फ्लाइट लेट हो गई है तो घबराएं नहीं! सिर्फ यह प्रोसेस जान लें मिल जाएगा पूरा रिफंड, इतनी देर में मिलेगा पैसा

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नेशनल डेस्क। आजकल लंबी दूरी के सफर के लिए हवाई यात्रा (Air Travel) पहली पसंद बन गई है लेकिन अक्सर फ्लाइट का रद्द होना या घंटों देरी से उड़ान भरना यात्रियों के लिए सिरदर्द बन जाता है। खासकर सर्दियों में कोहरे के कारण यह समस्या और बढ़ जाती है। यदि आप भी जल्द ही हवाई यात्रा करने वाले हैं तो यह जानना ज़रूरी है कि आपकी फ्लाइट कितनी देर होने पर आपको पूरा पैसा वापस मिल सकता है और इसके लिए क्या नियम हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने ऐसे हालातों से निपटने के लिए यात्रियों के अधिकार (Passenger Rights) स्पष्ट किए हैं जिसके तहत एयरलाइन की जवाबदेही तय होती है।

कब मिलता है टिकट का पूरा रिफंड?
DGCA के नियमों के अनुसार यात्री निम्नलिखित परिस्थितियों में बिना किसी कटौती के टिकट का पूरा पैसा वापस पाने के हकदार होते हैं:

4 घंटे या उससे अधिक देरी: यदि फ्लाइट अपने निर्धारित समय से चार घंटे या उससे ज़्यादा लेट होती है तो यात्री को पूरा रिफंड लेने का अधिकार है। (यात्री को यहाँ अगली फ्लाइट लेने या पूरा रिफंड लेने का विकल्प दिया जाता है)।

एयरलाइन की गलती से रद्द: यदि तकनीकी खराबी, स्टाफ की कमी या एयरलाइन की किसी अन्य चूक के कारण फ्लाइट रद्द होती है तो यात्री को पूरा पैसा वापस दिया जाएगा।

समय में बदलाव: यदि एयरलाइन ने फ्लाइट के समय में बदलाव किया है और यात्री उस बदले हुए समय पर यात्रा नहीं करना चाहता है तो उन्हें भी पूरा रिफंड मिलेगा।
एयरलाइन की अन्य प्रमुख ज़िम्मेदारियां क्या हैं?
फ्लाइट में देरी होने की स्थिति में एयरलाइन की कुछ अतिरिक्त ज़िम्मेदारियां भी तय की गई हैं:

2-3 घंटे की देरी: इस अवधि की देरी पर यात्रियों को खाना और स्नैक्स उपलब्ध कराना एयरलाइन की ड्यूटी है।

6 घंटे से ज़्यादा देरी की सूचना: यदि फ्लाइट 6 घंटे से ज़्यादा लेट है तो एयरलाइन को कम से कम 24 घंटे पहले यात्रियों को इसकी जानकारी देनी होगी।

रात में फंसने पर: यदि लंबी देरी के कारण यात्री रात में एयरपोर्ट पर फंस जाते हैं तो एयरलाइन को उनके लिए होटल में ठहरने (Accommodation) की व्यवस्था करनी पड़ती है।

 

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देरी के आधार पर कितना मिल सकता है मुआवज़ा (Compensation)?
एयरलाइन को देरी की अवधि के आधार पर यात्रियों को मुआवज़ा भी देना पड़ सकता है। यह मुआवज़ा टिकट के बेस फेयर (Base Fare) या एक निश्चित राशि के रूप में होता है:

देरी की अवधि अधिकतम मुआवज़ा राशि
1 घंटे से कम ₹5,000 या टिकट का बेस फेयर
1 से 2 घंटे तक ₹7,500 या टिकट का बेस फेयर
2 घंटे से ज़्यादा ₹10,000 या टिकट का बेस फेयर
रिफंड पाने की प्रक्रिया क्या है?
फ्लाइट लेट या कैंसिल होने पर रिफंड पाने का प्रोसेस बहुत सीधा है:

अनुरोध माध्यम: यात्री को उसी माध्यम से रिफंड के लिए अनुरोध करना होगा जहां से टिकट बुक किया गया था।

वेबसाइट से बुकिंग: यदि एयरलाइन की वेबसाइट से टिकट लिया है तो ‘Manage Booking’ सेक्शन में जाकर रिफंड का विकल्प चुनना होगा।

एजेंसी/ऐप से बुकिंग: यदि टिकट किसी ट्रैवल एजेंसी या थर्ड पार्टी ऐप से बुक किया गया है तो कैंसिलेशन और रिफंड की रिक्वेस्ट वहीं से करनी होगी।

रिफंड का समय: रिफंड की राशि आमतौर पर 7 से 10 कार्य दिवसों के भीतर उसी खाते में वापस आ जाती है जिससे पेमेंट किया गया था।

शिकायत: यदि एयरलाइन रिफंड देने से मना करती है या अनावश्यक देरी करती है तो आप इसकी शिकायत DGCA या सरकारी सेवा पोर्टल पर कर सकते हैं।