2024-09-06 06:04:35 ( खबरवाले व्यूरो )
इस्राइल और भारत ने ड्रोन खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई है। ड्रोन खतरों के खिलाफ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के मकसद से दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय (2-4 सिंतबर) सेमिनार में दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों और कंपनियों ने भाग लिया। इस दौरान इस्राइल और भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की गई।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि अमित सतीजा ने कहा, वर्तमान में ड्रोन से आपराधिक गतविधियां वैश्विक स्तर पर बढ़ गई हैं। ड्रोन का उपयोग खुफिया जानकारी जुटाने, हथियार ले जाने और सटीक हमले के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेमिनार में भारत और इस्राइल ने ड्रोने से वाले नए खतरों से निपटने के लिए मिलकर समाधान विकसित करने पर जो दिया। इसके लिए दोनों पक्षों ने तकनीक और ज्ञान को साझा करने की बात दोहराई। नई दिल्ली में इस्राइल आर्थिक एवं व्यापार मिशन की प्रमुख नताशा जांगिन ने कहा, तीन दिवसीय सेमिनार में 100 से अधिक व्यापारिक बैठकें हुईं। इसमें नौ इस्राइली कंपनियों ने भाग लिया। इस्राइली कंपनियों ने भारत के स्थानीय बाजार में भारी रुचि दिखाई। तकनीक के क्षेत्र में इस्राइल हमेशा से भारत की पहली पसंद रहा है।
ड्रोन खतरों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन
ड्रोन खतरों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन भी किया गया। डी-फेंड सॉल्यूशंस, सेप्टियर और सेन्ट्रीक्स कंपनियों ने साइबर रेडियो फ्रीक्वेंसी (सीआरएफ) का उपयोग करके ड्रोन के स्थान निर्धारण करने और निष्क्रिय करने वाली प्रणालियों को प्रस्तुत किया।
एल्टा सिस्टम्स, राफेल, एल्बिट सिस्टम्स और स्काईलॉक जैसी कम्पनियों ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, सेंसर, संचार प्रणाली और रडार का उपयोग करने वाली प्रणालियां प्रदर्शित कीं।
थर्डआई सिस्टम्स कंपनी ने एक एआई-संचालित विजन और रोबोटिक्स प्रणाली प्रदर्शित की, जो ड्रोन और छोटे विमानों का पता लगाने के लिए काम करती है।
स्मार्ट शूटर ने एक इंटेलिजेंस फायर कंट्रोल सिस्टम प्रदर्शित किया, जो छोटे हथियारों को ड्रोन को रोकने में सक्षम बनाता है।