2024-05-11 15:38:24 ( खबरवाले व्यूरो )
लुधियाना, 11 मई, 2024: लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने प्रख्यात पंजाबी कवि डॉ. सुरजीत पातर (79) के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।शनिवार को यहां एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि आज सुबह हृदय गति रुकने से डॉ. पातर की हुई मृत्यु के बारे में प्राप्त जानकारी से वह स्तब्ध हैं।
अरोड़ा ने डॉ. पातर की पत्नी भूपिंदर कौर पातर और बेटे मनराज पातर और अंकुर पातर सहित पीड़ित परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की।इसके अलावा, अरोड़ा ने कहा कि सौभाग्य से उनकी डॉ. पातर से कई बार मुलाकात हुई है। उन्होंने कहा कि डॉ. पातर के साथ अपनी मुलाकातों के दौरान उन्होंने पाया कि डॉ. पातर न केवल एक प्रसिद्ध पंजाबी कवि थे, बल्कि एक महान विचारक, बेहतर इंसान और नेक काम करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि डॉ पातर पूरी तरह से जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग, विशेषकर साहित्य और पंजाब की संस्कृति से जुड़े लोग, पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. पातर की मृत्यु के बारे में सुनकर शोक में हैं।अरोड़ा ने कहा कि पंजाब के लोग पंजाबी साहित्य और पंजाबी संस्कृति के लिए डॉ. पातर द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि डॉ. पातर के रचनात्मक लेखन ने सभी सीमाओं को पार कर लिया था, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि उनकी कविताओं का हिंदी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया चुका है।
उन्होंने स्मरण किया कि शुरुआत में डॉ. पातर ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में पंजाबी के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने पंजाबी में अपनी साहित्यिक यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि दिवंगत कवि को हाल के दौर में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पद्मश्री लौटाने के फैसले के लिए भी याद किया जाएगा।
अरोड़ा ने कहा कि उनके जैसे पंजाबी प्रेमी डॉ. पातर की कविता के शौकीन हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. पातर ने न केवल पंजाबी कविता लिखी है, बल्कि "शहीद उधम सिंह" और दीपा मेहता की "हेवन ऑन अर्थ" के पंजाबी संस्करण जैसी फिल्मों के लिए संवाद भी लिखे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि डॉ. पातर का निधन पंजाब, पंजाबी साहित्य और संस्कृति के लिए एक बड़ी क्षति है जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता