2024-02-13 14:06:51 ( खबरवाले व्यूरो )
फतेहगढ़ साहिब: किसान दिल्ली चलो आंदोलन की तरफ बढ़ रहे हैं। पिछली बार साल 2020 में हुए आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम चढूनी अलग नजर आ रहे हैं। तो फिर आखिर आंदोलन को लीड कौन कर रहा है।इस बार पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल अगुवाई कर रहे हैं।
कौन हैं सरवन सिंह पंढेर?
किसान आंदोलन 2.0 की प्लानिंग करने वाले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर पंजाब के अमृतसर के रहने वाले हैं पंढेर ने साल 2007 में किसान संघर्ष कमेटी से अलग हुए और फिर सतनाम सिंह पन्नू ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का गठन किया। पंढेर हमेशा ही किसान हितों के लिए मुखर रहे हैं।
क्या बोले सरवन सिंह पंढेर?
पंढेर ने कहा कि हम पूरे भारत के सामने अपनी बात रखना चाहते हैं कि कल की बैठक में हमने पूरी कोशिश की कि हम कोई ऐसा फैसला ले सकें जिससे हम सरकार के साथ टकराव से बच सकें और हमें वो मिल जाए जिसकी हमें उम्मीद थी। हम सिर्फ उम्मीद और भरोसा ही कर सकते हैं। यही कारण है कि हम पांच घंटे तक बैठक में बैठे रहे।
पुलिस हरियाणा-पंजाब के गांवों में लोगों को परेशान कर रही है
उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस हरियाणा और पंजाब के गांवों में लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने उनके सामने हरियाणा की स्थिति रखी कि आपने हरियाणा को कश्मीर की घाटी में बदल दिया है, आप हरियाणा के हर गांव में पुलिस भेज रहे हैं। आपने हरियाणा के हर गांव में पानी की बौछारों वाले टैंक भेजे हैं।
पंजाब-हरियाणा दो राज्य नहीं, अंतर्राष्ट्रीय सीमा है
पंढेर ने जोर देकर कहा कि देखिए ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा भारत से दो राज्य नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय सीमा हैं, जैसा कि हम अभी देख रहे हैं। किसान नेता ने किसानों और मजदूरों को कांग्रेस पार्टी के समर्थन के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि किसानों की दुर्दशा के लिए सत्तारूढ़ भाजपा भी उतनी ही दोषी है। हम देश के किसान और मजदूर हैं, मीडिया में जो कुछ भी कहा जा रहा है, कोई कांग्रेस हमारा समर्थन नहीं करती है, हम कांग्रेस को दोषी मानते हैं क्योंकि भाजपा दोषी है।
हम कोई वामपंथी नहीं: पंढेर
उन्होंने कहा कि ये नीतियां कांग्रेस द्वारा लाई गई हैं, हम वामपंथी नहीं हैं। पंढेर ने कहा, "सीपीएम जिसने बंगाल पर शासन किया, उसने 20 गलतियां कीं, वहां से पश्चिम बंगाल में कैसी क्रांति आई, हम किसी के पक्ष में नहीं हैं, हम किसान और मजदूर हैं।"